हमारा देश भारत एक विकासशील देश है। आबादी के अनुपात में हम विश्व में दूसरे नंबर पर है जबकि क्षेत्रफल के अनुपात में सातवे नंबर पर। हमारी आबादी हमारे देश के लिए अभिशाप और वरदान दोनों है। आज से कुछ साल पहले तक विदेशी पर्यटक हमारे गरीब, भूखे, नंगे, फटेहाल लोगो की तस्वीरे खींच कर ले जाते थे। लेकिन अब हमारे युवाओं ने अपने कौशल और हुनर का लोहा पुरे विश्व में मनवाया है। गूगल के सुन्दर पिचाई हो या चेस के विश्वनाथन आनंद या क्रिकेट के भगवन सचिन तेंदुलर, रिलायन्स के मुकेश अम्बानी, लोग भारत को तेजी से उभरती हुई आर्थिक महाशक्ति के रूप में देख रहे है।
भारत दुनिया का सबसे बड़ा बाजार है। यहाँ हर वर्ग के लोग मिल जाते है। ऐसे में जो कुशल है उनकी मांग बढ़ जाती है। एक सर्वे के अनुसार भारत में कौशल विकास का आनुपात सिर्फ 10% है।
Percentage of workforce receiving skill training (2008)
Source:Planning Commission Report (2008)
वर्ष 2016 में यह अनुपात सिर्फ 15 % है। अभी भी हम जापान और कोरिया जैसे देशो से स्किल डेवलपमेंट में बहुत पीछे है। इससे ये तो स्पष्ट है की भारत में स्किल डेवलपमेंट की कितनी जरुरत है। अब दूसरे प्रश्न पर आते है इसका फायदा किसे होगा ?
किसी भी देश को विकसित हम तभी कहते है जब वह की जनता के रहन सहन और व्यव्हार में सम्पन्नता और समृद्धि नजर आता है। उस देश का प्रति व्यक्ति आय अधिक होता है।
अब जब भारत के लोग स्किल्ड होंगे तो उन्हें मेहनताना अच्छा मिलेगा और उनकी आय में वृद्धि होगी। लोग आर्थिक और सामाजिक रूप से समृद्ध होंगे। गरीबी और बेरोजगारी जैसे समस्या से छुटकारा मिलेगा। हमारे विकास से परिवार विकसित होगा, परिवार से समाज, समाज से गांव, गांव से पंचायत, पंचायत से विकासखंड, विकासखंड से जिला, जिला से राज्य और राज्य से सम्पूर्ण देश विकसित हो जायेगा। और शायद हम सब लोग भी यही दिन देखना चाहते है।
इस सपना को पूरा करने के लिए हम सबका स्किल इंडिया मिशन से जुड़ना जरुरी है। हो सकता है हमें सीधे तौर पर कोई आर्थिक लाभ तुरंत न मिले पर अपने आने वाले पीढ़ी का भविष्य अवश्य सुरक्षित हो जायेगा।
आपके आस पास भी स्किल डेवलपमेंट की योजनाएँ चल रही होगी या शुरू होने वाली होगी। आप यथासंभव इस पुण्य कार्य में अपना योगदान दे।
आपके सुझाव एवं विचार निचे कमेंट बॉक्स में आमंत्रित है।
भारत दुनिया का सबसे बड़ा बाजार है। यहाँ हर वर्ग के लोग मिल जाते है। ऐसे में जो कुशल है उनकी मांग बढ़ जाती है। एक सर्वे के अनुसार भारत में कौशल विकास का आनुपात सिर्फ 10% है।
Percentage of workforce receiving skill training (2008)
Source:Planning Commission Report (2008)
वर्ष 2016 में यह अनुपात सिर्फ 15 % है। अभी भी हम जापान और कोरिया जैसे देशो से स्किल डेवलपमेंट में बहुत पीछे है। इससे ये तो स्पष्ट है की भारत में स्किल डेवलपमेंट की कितनी जरुरत है। अब दूसरे प्रश्न पर आते है इसका फायदा किसे होगा ?
किसी भी देश को विकसित हम तभी कहते है जब वह की जनता के रहन सहन और व्यव्हार में सम्पन्नता और समृद्धि नजर आता है। उस देश का प्रति व्यक्ति आय अधिक होता है।
अब जब भारत के लोग स्किल्ड होंगे तो उन्हें मेहनताना अच्छा मिलेगा और उनकी आय में वृद्धि होगी। लोग आर्थिक और सामाजिक रूप से समृद्ध होंगे। गरीबी और बेरोजगारी जैसे समस्या से छुटकारा मिलेगा। हमारे विकास से परिवार विकसित होगा, परिवार से समाज, समाज से गांव, गांव से पंचायत, पंचायत से विकासखंड, विकासखंड से जिला, जिला से राज्य और राज्य से सम्पूर्ण देश विकसित हो जायेगा। और शायद हम सब लोग भी यही दिन देखना चाहते है।
इस सपना को पूरा करने के लिए हम सबका स्किल इंडिया मिशन से जुड़ना जरुरी है। हो सकता है हमें सीधे तौर पर कोई आर्थिक लाभ तुरंत न मिले पर अपने आने वाले पीढ़ी का भविष्य अवश्य सुरक्षित हो जायेगा।
आपके आस पास भी स्किल डेवलपमेंट की योजनाएँ चल रही होगी या शुरू होने वाली होगी। आप यथासंभव इस पुण्य कार्य में अपना योगदान दे।
स्किल इंडिया... स्किल वर्ल्ड
आपके सुझाव एवं विचार निचे कमेंट बॉक्स में आमंत्रित है।
Its better to work on skill gap assessment and training need analysis befor start of such programme.still we have time to work on this section.
ReplyDeleteDear Manish, We have been working on such gaps and providing our inputs to the concern authorities in policy making. We welcome your input as well as only experts could give such remarks.
ReplyDelete